मैं बन जाऊं रेत सनम,,
तुम लहर बन जाना…
भरना मुझे अपनी बाहों में
अपने संग ले जाना..!!
मोहब्बत की कहूँ देवी या तुमको बंदगी कह दूँ,
बुरा मानो न गर हमदम तो तुमको ज़िन्दगी कह
दूँ।❤
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत जगह हो हसीन शाम
केसाथ।
जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला
कर, दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास
बिठाकर।
ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत,सब फ़रेब के
आईने हैं,हाथों में तेरा हाथ होने से ही,मुकम्मल
ज़िन्दगी के मायने हैं।
जरा छू लूँ तुमको कि मुझको यकीं आ जाये,
लोग कहते हैं मुझे साये से मोहब्बत है।
कुछ हदें हैं मेरी कुछ हदें हैं तेरी..!!
लेकिन दायरों में भी इश्क़ होता है…!!❤
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।
चाहत बन गए हो तुम,
कि आदत बन गए हो तुम,
हर सांस में यूं आते जाते हो
जैसे मेरी इबादत बन गए हो तुम।
हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं,
उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं,
उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को,
कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे हैं।
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